शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
Welcome to Official Website of Sheetala Mata Dham Mandir Chaukiya
History & Mythology
शीतला चौकियां देवी का मन्दिर बहुत पुराना है। शिव और शक्ति की उपासना प्राचीन भारत के समय से चली आ रही है। इतिहास के आधार पर यह कहा जाता है कि हिन्दु राजाओं के काल में जौनपुर का शासन अहीर शासकों के हाथ में था। जौनपुर का पहला अहीर शासक हीरा चन्द्र यादव माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चौकियां देवी का मन्दिर कुल देवी के रूप में यादवों या भरो द्वारा र्निमित कराया गया, परन्तु भरों की प्रवृत्ति को देखते हुए चौकियां मन्दिर उनके द्वारा बनवाया जाना अधिक युक्तिसंगत प्रतीत होता है। भर अनार्य थे। अनार्यो में शक्ति व शिव की पूजा होती थी। जौनपुर में भरो का आधिपत्त भी था। सर्वप्रथम चबूतरे अर्थात चौकी पर देवी की स्थापना की गयी होगी, संभवत- इसीलिए इन्हे चौकिया देवी कहा गया। देवी शीतला आनन्ददायनी की प्रतीक मानी जाती है। अत: उनका नाम शीतला पड़ा। ऐतिहासिक प्रमाण इस बात के गवाह है कि भरों में तालाब की अधिक प्रवृत्ति थी इसलिए उन्होने शीतला चौकिया के पास तालाब का भी र्निमाण कराया।
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
निकटतम हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री बाबापुर,लगभग 50 किमी है
ट्रेन द्वारा
मंदिर जौनपुर सिटी रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किमी दूर स्थित है, कई स्थानीय परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सड़क के द्वारा
मंदिर जौनपुर बस स्टैंड से लगभग ५ किमी की दूरी पर है, बहुत सी स्थानीय ट्रांसपोर्ट के माध्यम उपलब्ध है
Importanat Annoucement
- 1. माता जी के दर्शनों को कृपया लाईन मे ही जायें |
- 2. अपने कीमती समान का स्वंय ध्यान रखें और जेब कतरों से सावधान रहें |
- 3. माता जी को दान स्वरुप भेंट राशि किसी के हाथ में न दें |
- 4. दान राशि कृपया मंदिर में रखें भेंट पात्र में ही डालें |
- 5. किसी विशेष कार्य व लंगर के लिए दान राशि कार्यालय में देकर रसीद अवश्य प्राप्त करें |
- 6. भिक्षा वृति को बढ़ावा ना दें |